बस एक लम्हा तिरे वस्ल का मयस्सर हो By Sher << भरवा देना मिरे कासे को आँख बीनाई गँवा बैठी तो >> बस एक लम्हा तिरे वस्ल का मयस्सर हो और उस विसाल के लम्हे को दाइमी किया जाए Share on: