बताऊँ किस तरह अहबाब को आँखें जो ऐसी हैं By Sher << है दौर-ए-फ़लक ज़ोफ़ में प... फिर किसी के सामने चश्म-ए-... >> बताऊँ किस तरह अहबाब को आँखें जो ऐसी हैं कि कल पलकों से टूटी नींद कि किर्चें समेटीं हैं Share on: