बातों में लगाए ही मुझे रखता है ज़ालिम By Sher << यही कमरा था जिस में चैन स... महफ़िल में तेरी आ के ये ब... >> बातों में लगाए ही मुझे रखता है ज़ालिम वअ'दे वही झूटे हैं वही शाम-ओ-सहर रोज़ Share on: