बयाबाँ दूर तक मैं ने सजाया था By Sher << इक बेवफ़ा के प्यार में हद... तज़्किरे में तिरे इक नाम ... >> बयाबाँ दूर तक मैं ने सजाया था मगर वो शहर के रस्ते से आया था Share on: