बे-बरसे गुज़र जाते हैं उमडे हुए बादल By Sher << बिछड़े हुए ख़्वाब आ के पक... बाम ओ दर ओ दीवार को ही घर... >> बे-बरसे गुज़र जाते हैं उमडे हुए बादल जैसे उन्हें मेरा ही पता याद नहीं है Share on: