बे-इश्क़ जितनी ख़ल्क़ है इंसाँ की शक्ल में By Sher << हारने जीतने से कुछ नहीं ह... इस ज़माने में बुज़ुर्गी स... >> बे-इश्क़ जितनी ख़ल्क़ है इंसाँ की शक्ल में नज़रों में अहल-ए-दीद के आदम ये सब नहीं Share on: