बे-ज़बानी तर्जुमान-ए-शौक़ बेहद हो तो हो By Sher << भूल ही जाएँ हम को ये तो न... बरसात के आते ही तौबा न रह... >> बे-ज़बानी तर्जुमान-ए-शौक़ बेहद हो तो हो वर्ना पेश-ए-यार काम आती है तक़रीरें कहीं Share on: