बे-ख़याली में भी फिर उन का ख़याल आता है By Sher << देखने भी जो वो जाते हैं क... पत्थर लिए हर मोड़ पे कुछ ... >> बे-ख़याली में भी फिर उन का ख़याल आता है वही तस्वीर मिरे पेश-ए-नज़र होती है Share on: