बे-साल-ओ-सिन ज़मानों में फैले हुए हैं हम By Sher << बुरे भले में फ़र्क़ है ये... आँखों को देखने का सलीक़ा ... >> बे-साल-ओ-सिन ज़मानों में फैले हुए हैं हम बे-रंग-ओ-नस्ल नाम में तू भी है मैं भी हूँ Share on: