बे-तरह दिल में भरा रहता है ज़ुल्फ़ों का धुआँ By Sher << नहीं वो इतना भी पागल नहीं... कहीं कहीं तो ज़मीं आसमाँ ... >> बे-तरह दिल में भरा रहता है ज़ुल्फ़ों का धुआँ दम निकल जाए किसी रोज़ न घुट कर अपना Share on: