मसल सच है बशर की क़दर नेमत ब'अद होती है By Sher << हाए उस दस्त-ए-करम ही से म... शहर में अम्न-ओ-अमाँ हो ये... >> मसल सच है बशर की क़दर नेमत ब'अद होती है सुना है आज तक हम को बहुत वो याद करते हैं Share on: