भीग जाने पर भी जो बुझता न था By Sher << इन बुतों ने मुझ को बे-ख़ु... 'आज़िम' तेरी बर्ब... >> भीग जाने पर भी जो बुझता न था आज वो शो'ला धुआँ होने को है Share on: