बिछड़ने वाले ने वक़्त-ए-रुख़्सत कुछ इस नज़र से पलट के देखा By Sher << आशिक़ी में 'मीर' ... हवा के लम्स में उस की महक... >> बिछड़ने वाले ने वक़्त-ए-रुख़्सत कुछ इस नज़र से पलट के देखा कि जैसे वो भी ये कह रहा हो तुम अपने घर का ख़याल रखना Share on: