बिगड़ी हुई है सारी हसीनों की बनावट By Sher << मुझे तो इश्क़ है फूलों मे... दुनिया न जीत पाओ तो हारो ... >> बिगड़ी हुई है सारी हसीनों की बनावट अल्लाह-रे आलम तिरे बे-साख़्ता-पन का Share on: