बिन ख़ूँ से लिक्खे कोई होता है नामा रंगीं By Sher << फ़रियाद ऐ तसव्वुर-ए-अबरू-... साक़ी जो दिल से चाहे तो आ... >> बिन ख़ूँ से लिक्खे कोई होता है नामा रंगीं हम उँगलियों को अपनी इक दिन क़लम करेंगे Share on: