ब-क़द्र-ए-पैमाना-ए-तख़य्युल सुरूर हर दिल में है ख़ुदी का By Sher << लो हम बताएँ ग़ुंचा-ओ-गुल ... फिर उस के ब'अद तअल्लु... >> ब-क़द्र-ए-पैमाना-ए-तख़य्युल सुरूर हर दिल में है ख़ुदी का अगर न हो ये फ़रेब-ए-पैहम तो दम निकल जाए आदमी का Share on: