बोल थे दिवानों के जिन से होश वालों ने By Sher << ज़ात के पर्दे से बाहर आ क... दश्त-ए-जुनूँ से आ गए शहर-... >> बोल थे दिवानों के जिन से होश वालों ने सोच के धुँदलकों में अपना रास्ता पाया Share on: