बुझ गई शम्अ की लौ तेरे दुपट्टे से तो क्या By Sher << चलो कि हम भी ज़माने के सा... बड़ा घाटे का सौदा है '... >> बुझ गई शम्अ की लौ तेरे दुपट्टे से तो क्या अपनी मुस्कान से महफ़िल को मुनव्वर कर दे Share on: