बुरा ही क्या है बरतना पुरानी रस्मों का By Sher << गया जो हाथ से वो वक़्त फि... बोसा-ए-रुख़्सार पर तकरार ... >> बुरा ही क्या है बरतना पुरानी रस्मों का कभी शराब का पीना भी क्या हलाल न था Share on: