चार जानिब चीख़ती सम्तों का शोर By Sher << चश्मा-ए-आब-ए-रवाँ है जो स... रफ़्ता रफ़्ता ज़ेहन के सब... >> चार जानिब चीख़ती सम्तों का शोर हाँपते साए थकन और इन्हितात Share on: