चाह का नाम जब आता है बिगड़ जाते हैं By Sher << ग़ुरूर से जो ज़मीं पर क़द... चराग़-ए-हुस्न-ए-यूसुफ़ जब... >> चाह का नाम जब आता है बिगड़ जाते हैं वो तरीक़ा तो बता दो तुम्हें चाहें क्यूँकर Share on: