चले आते हैं बे-मौसम की बारिश की तरह आँसू By Sher << एक जैसे लग रहे हैं अब सभी... हम ने माना कि तिरे शहर मे... >> चले आते हैं बे-मौसम की बारिश की तरह आँसू बसा-औक़ात रोने का सबब कुछ भी नहीं होता Share on: