चले थे यार बड़े ज़ोम में हवा की तरह By Sher << न जाने हार है या जीत क्या... ऐ बुतो रंज के साथी हो न आ... >> चले थे यार बड़े ज़ोम में हवा की तरह पलट के देखा तो बैठे हैं नक़्श-ए-पा की तरह Share on: