चलो अपनी भी जानिब अब चलें हम By Sher << अब तो साहब की हुई ख़ातिर ... दामन के दाग़ अश्क-ए-नदामत... >> चलो अपनी भी जानिब अब चलें हम ये रस्ता देर से सूना पड़ा है Share on: