चमन में ग़ुंचा मुँह खोले है जब कुछ दिल की कहने को By Sher << जीना भी आ गया मुझे मरना भ... कह तो सकता हूँ मगर मजबूर ... >> चमन में ग़ुंचा मुँह खोले है जब कुछ दिल की कहने को नसीम-ए-सुब्ह भर रखती है बातों में लगा लिपटा Share on: