चंद तिनकों के सिवा क्या था नशेमन में मिरे By Sher << मूए ने मुँह की खाई फिर भी... बुझा है दिल तो न समझो कि ... >> चंद तिनकों के सिवा क्या था नशेमन में मिरे बर्क़-ए-नादाँ को समझ आई बहुत देर के ब'अद Share on: