चराग़ जलते ही बीनाई बुझने लगती है By Sher << बरहमन का'बे में आया श... लौट जाने की इजाज़त नहीं द... >> चराग़ जलते ही बीनाई बुझने लगती है ख़ुद अपने घर में ही घर का निशाँ नहीं मिलता Share on: