चराग़ ले के फिरा ढूँढता हुआ घर घर By Sher << छोड़ भी देते मोहतसिब हम त... चाल और है दुनिया की हमारा... >> चराग़ ले के फिरा ढूँढता हुआ घर घर शब-ए-फ़िराक़ जो मुझ को रही सहर की तलाश Share on: