चराग़ उन पे जले थे बहुत हवा के ख़िलाफ़ By Sher << मैं हूँ भी तो लगता है कि ... चुरा के लाए हैं कुछ लोग ल... >> चराग़ उन पे जले थे बहुत हवा के ख़िलाफ़ बुझे बुझे हैं तभी आज बाम-ओ-दर मेरे Share on: