चराग़-ए-तूर जलाओ बड़ा अंधेरा है By Sher << का'बे में हो या बुत-ख... मिरा ज़मीर बहुत है मुझे स... >> चराग़-ए-तूर जलाओ बड़ा अंधेरा है ज़रा नक़ाब उठाओ बड़ा अंधेरा है Share on: