चराग़-ए-शाम-ए-ग़रीबी था मैं ज़माने में By Sher << दिल भला आशिक़ों के पास कह... बोसा भी मुझे देना होंटों ... >> चराग़-ए-शाम-ए-ग़रीबी था मैं ज़माने में किसी ने आ के न ठंडा किया जला के मुझे Share on: