चश्मा-ए-नाब न बढ़ कर जुनूँ सैलाब बने By Sher << आँखें न चुराओ दिल में रह ... तेरी ख़ुशबू से मोअत्तर है... >> चश्मा-ए-नाब न बढ़ कर जुनूँ सैलाब बने बह न जाए कि ये मिट्टी का मकाँ है अब के Share on: