चेहरा ओ नाम एक साथ आज न याद आ सके By Sher << घर से निकले हुए बेटों का ... क्या मस्तियाँ चमन में हैं... >> चेहरा ओ नाम एक साथ आज न याद आ सके वक़्त ने किस शबीह को ख़्वाब ओ ख़याल कर दिया Share on: