चेहरे पे मिरे ज़ुल्फ़ को फैलाओ किसी दिन By Sher << है मिरा ज़ब्त-ए-जुनूँ जोश... दुनिया तो चाहती है यूँही ... >> चेहरे पे मिरे ज़ुल्फ़ को फैलाओ किसी दिन क्या रोज़ गरजते हो बरस जाओ किसी दिन Share on: