चेहरे हैं कि सौ रंग में होते हैं नुमायाँ By Sher << मिरी क़िंदील-ए-जाँ जलती ह... क्या बताऊँ छुपा है मुझ मे... >> चेहरे हैं कि सौ रंग में होते हैं नुमायाँ आईने मगर कोई सियासत नहीं करते Share on: