छू ले सबा जो आ के मिरे गुल-बदन के पाँव By Sher << जब तलक आज़ाद थे हर इक मसा... दिल को भी ग़म का सलीक़ा न... >> छू ले सबा जो आ के मिरे गुल-बदन के पाँव क़ाएम न हों चमन में नसीम-ए-चमन के पाँव Share on: