छोड़ कर मुझ को तिरे सहन मैं जा बैठा है By Sher << अजब तनाव है माहौल में कहे... जहाँ पे छाया सहाब-ए-मस्ती... >> छोड़ कर मुझ को तिरे सहन मैं जा बैठा है पड़ गई जैसे तिरे साया-ए-दीवार मैं जान Share on: