छोड़ के माल-ओ-दौलत सारी दुनिया में अपनी By Sher << दिल दबा जाता है कितना आज ... चराग़-ए-राहगुज़र लाख ताबन... >> छोड़ के माल-ओ-दौलत सारी दुनिया में अपनी ख़ाली हाथ गुज़र जाते हैं कैसे कैसे लोग Share on: