छुप-छुप के देखते हो बहुत उस को हर कहीं By Sher << खुलते खुलते मुझ पे खुला य... ये किस मक़ाम पे पहुँचा दि... >> छुप-छुप के देखते हो बहुत उस को हर कहीं होगा ग़ज़ब जो पड़ गई उस की नज़र कहीं Share on: