छुपे तो कैसे छुपे चमन में मिरा तिरा रब्त-ए-वालिहाना By Sher << न लड़ाओ नज़र रक़ीबों से मेरे अफ़्कार की रानाइयाँ ... >> छुपे तो कैसे छुपे चमन में मिरा तिरा रब्त-ए-वालिहाना कली कली हुस्न की कहानी नज़र नज़र इश्क़ का फ़साना Share on: