छुरी का तीर का तलवार का तो घाव भरा By Sher << दरिया की तरह रवाँ हूँ लेक... अपनी ही जल्वागरी है ये को... >> छुरी का तीर का तलवार का तो घाव भरा लगा जो ज़ख़्म ज़बाँ का रहा हमेशा हरा Share on: