छुट जाए अगर दामन-ए-कौनैन तो क्या ग़म By Sher << तर्क-ए-जाम-ओ-सुबू न कर पा... आँखों से तुझ को याद मैं क... >> छुट जाए अगर दामन-ए-कौनैन तो क्या ग़म लेकिन न छुटे हाथ से दामान-ए-मोहम्मद Share on: