चीख़ उठता है दफ़अतन किरदार By Sher << बे-घर होना बे-घर रहना सब ... हम आइने में तिरा अक्स देख... >> चीख़ उठता है दफ़अतन किरदार जब कोई शख़्स बद-गुमाँ हो जाए Share on: