चोट खाए हुए लम्हों का सितम है कि उसे By Sher << एक तस्वीर को हटाया बस अपना बादल तलाशने के लिए >> चोट खाए हुए लम्हों का सितम है कि उसे रूह के चेहरे पे दिखते हैं मुहाँसे कितने Share on: