क्यूँ न फ़िरदौस में दोज़ख़ को मिला लें यारब By Sher << ये भी सच है कि नहीं है को... याद करना ही हम को याद रहा >> क्यूँ न फ़िरदौस में दोज़ख़ को मिला लें यारब सैर के वास्ते थोड़ी सी जगह और सही Share on: