क्यूँ पास मिरे आ कर यूँ बैठे हो मुँह फेरे By Sher << हमारे काँधे पे इस बार सिर... 'शाहिद'-साहिब कहल... >> क्यूँ पास मिरे आ कर यूँ बैठे हो मुँह फेरे क्या लब तिरे मिस्री हैं मैं जिन को चबा जाता Share on: