दाग़-ए-फ़िराक़-ए-सोहबत-ए-शब की जली हुई By Sher << हम को यारों ने याद भी न र... उदास देख के मुझ को चमन दि... >> दाग़-ए-फ़िराक़-ए-सोहबत-ए-शब की जली हुई इक शम्अ रह गई है सो वो भी ख़मोश है Share on: