दाग़ आँखों से खिल रहे हैं सब By Sher << दिल न पहुँचा गोशा-ए-दामाँ... आहों के शोले जिस जा उठते ... >> दाग़ आँखों से खिल रहे हैं सब हाथ दस्ता हुआ है नर्गिस का Share on: