इस वहम में वो 'दाग़' को मरने नहीं देते By Sher << जली हैं धूप में शक्लें जो... इस नहीं का कोई इलाज नहीं >> इस वहम में वो 'दाग़' को मरने नहीं देते माशूक़ न मिल जाए कहीं ज़ेर-ए-ज़मीं और Share on: