ब'अद मुद्दत के ये ऐ 'दाग़' समझ में आया By Sher << बात का ज़ख़्म है तलवार के... अयादत को मिरी आ कर वो ये ... >> ब'अद मुद्दत के ये ऐ 'दाग़' समझ में आया वही दाना है कहा जिस ने न माना दिल का Share on: